मन को जो भी जीत ले, वही जीव है धन्य मोह जाल में घूमते, बाकी सारे अन्य। मन को जो भी जीत ले, वही जीव है धन्य मोह जाल में घूमते, बाकी सारे अन्य।
मानवता को भूल गया है मानव कुसंस्कार कर रहे हैं आक्रमण ! मानवता को भूल गया है मानव कुसंस्कार कर रहे हैं आक्रमण !
जीवन नैया को तुम, भवसागर में आगे बढ़ाओ लक्ष्य पर रखकर कड़ी नजर, पार उतर जाओ। जीवन नैया को तुम, भवसागर में आगे बढ़ाओ लक्ष्य पर रखकर कड़ी नजर, पार उतर जाओ।
अपने संस्कारों की जमीन से जुड़े होते है वे लोग। अपने संस्कारों की जमीन से जुड़े होते है वे लोग।
जिनमें माँ का प्यार और बाप का दुलार मैं माँगता हूँ वो बिफिक्रे उड़ान वो बेलगाम ज़िन्दगी मैं वापस च... जिनमें माँ का प्यार और बाप का दुलार मैं माँगता हूँ वो बिफिक्रे उड़ान वो बेलगा...
निज लोभ बढ़ा मानव मन, अधर्म हुआ विकसित... निज लोभ बढ़ा मानव मन, अधर्म हुआ विकसित...